कुछ लिखा है पढना चाहोगे :-)
Thursday, 26 July 2018
शायरी 40
शायरी
आज कल किताबों से हुँ,इतना करीब रिश्तों में।
की चंद लम्हों की नींद लेता हूँ, वो भी किश्तों में।
Thursday, 31 May 2018
शायरी 39
शायरी
तुम्हारे यादों की लाश लिए फ़िरता हूँ।
मैं अपने साथ पूरा शमशान लिए फ़िरता हूँ।।
Saturday, 21 April 2018
शायरी 38
शायरी
मैं तुम्हे भूल जाने की हद्द तक याद करूँगा,
तुम ख्वाबों में भी न आओ में यही फ़रियाद करूँगा।
Monday, 5 March 2018
शायरी 37
शायरी
हम उनकी याद मे कभी तराने लिख़ देतें हैं,
कभी अफ़साने लिख़ देतें हैं।
हम जब भी मिलना चाहते हैं,
वो हर बार कुछ बहाने लिख हैं।
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