Monday 24 April 2017

शायरी 28

शायरी 

सितारों को तोड़ कर ज़मीन पर ले आएंगे। 
कदमो को तुम्हारे आसमां तक ले जायेंगे। 
इश्क़ किया है,
आप से मोहतरमा।
ये छुपता नहीं,अब तो सब को बताएँगे। 

Wednesday 19 April 2017

शायरी 27

शायरी 

कभी रात भर जाग लेते हैं,
कभी दिन सो कर  गुज़र जाते है,

कुछ लोग इसे मासूमियत कहते है,
कुछ लोग इसे प्यार कह जाते हैं। 

Tuesday 18 April 2017

शायरी 26

शायरी

थक गए हम अश्क़ों को पीते-पीते,
तन्हाइयों में ज़िन्दगी जीते-जीते,
अब नहीं सह पाती शबनम की चमकह ये आँखें,
मेरे यार,
फिर भी इन्हे शबनम दिखा गए जाते-जाते। 

Monday 17 April 2017

शायरी 25

शायरी 
भरी-भरी आँखों से भी मुस्कुरा लेते हैं हम।
जाम छलकते नहीं छलका लेते हैं हम।
मोहोब्बत की है तो जी भी लेंगे,
कुछ तो जवाबदारियां संभाल लेते है हम। 

Saturday 15 April 2017

शायरी 24

शायरी

तुम से जुदा होकर,
बस इतना फ़र्क पड़ा है हमारी ज़िन्दगी में, 
पहले हम दुनिया को मुस्कुराने का मशवरा देते थे। 
अब दुनिया हमे देती है। 

Friday 14 April 2017

शायरी 23

शायरी 

लिख देता हूँ चंद अल्फ़ाज़ तुम्हे याद करके। 
पता नहीं क्यों 
लोग उन्हें शायरी कह देते है। 

शायरी 22

शायरी
 रातें गुज़र गयी, तुम्हारे इंतज़ार में। 
साँसें ही रुक गयी, तुम्हारी याद में। 
शम्मा बुझाने गए थे हम,इन लम्हों के बाद में। 
ख़ुद ही जल गए हम,इन परवानों के साथ में। 

Thursday 13 April 2017

शायरी 21

शायरी 
उनकी नशीली आँखों से हमने उर्दू सिख ली। 
वो मुस्कुरा भर क्या दिए ,
हमने शायरी ही लिख दी। 

शायरी 20

शायरी 
कभी क़रीब से तो गुज़रो मेरे,
ताकी 
मैं अपने प्यार का चेहरा निहार ही  लूँ। 
कभी मुस्कुरा भी दो मुझे देख़ कर 
ताकी
मैं प्यार से तुम्हें पुकार भी लूँ। 

Tuesday 11 April 2017

शायरी 19

शायरी 
गुज़र गया है दिन, गुज़र जाएंगी रातें भी। 
भूल गया हूँ  बातें, भुला दूँगा यादें भी। 
क्या हाल हो गया है मेरा, तेरी दीवानगी मैं। 
ए मेरी महोब्बत ,
मर गया हूँ मैं ,बस चल रही है सांसें ही। 

Saturday 8 April 2017

शायरी 18

शायरी 
पुरे दिन गुज़र जाते है तुम्हारी बातों में,
पुरी रातें गुज़र जाती है तुम्हारी यादों में,
खटकती है तो बस ये दुनिया,
जो नज़र आती थी तुम्हारी आखों मैं। 

Thursday 6 April 2017

शायरी 17

शायरी 
दर्द भी दिल का इन्तेहाँ लिए जा रहा है। 
जितना सह रहा हूँ में,
उतना परेशान किये जा रहा है। 
जानता हूँ,
 की गुज़र जाएगी उसके बिना ज़िन्दगी,
फ़िर भी उसका इंतज़ार किए जा रहा हूँ मैं। 

Wednesday 5 April 2017

शायरी 16

शायरी
चुप रहना मेरी आदत बन गयी है।  
तुम्हें याद करना मेरी ईबादत बन गयी है। 
नफ़रत को मुझ से दूर ही रखना मेरे यार,
क्योंकि
इस दुनिया मे मेरे लिए तो सिर्फ़ उल्फ़त ही रह गयी है। 

Tuesday 4 April 2017

शायरी 15

शायरी 
बेख़बर था दिमाग़,
क्योकि दिल ने प्यार किया था।
ज़िंदगी भर साथ निभाने का वादा भी दिल ने किया था।
दिमाग़ को तो ख़बर तब लगी मेरे यार,
जब बेवफ़ा ने दिल ही तोड़ दिया था। 

शायरी 14

शायरी 
थक गए हम तन्हाइयों से लड़ते-लड़ते, 
ग़म की शायरियाँ पढ़ते-पढ़ते,
फिर कोई मोहतरमा आएगी इश्क़ की दों बातें करने।
फिर मुस्कुरा देंगे हम उन्हें याद करते-करते।