Monday 17 April 2017

शायरी 25

शायरी 
भरी-भरी आँखों से भी मुस्कुरा लेते हैं हम।
जाम छलकते नहीं छलका लेते हैं हम।
मोहोब्बत की है तो जी भी लेंगे,
कुछ तो जवाबदारियां संभाल लेते है हम। 

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