कुछ लिखा है पढना चाहोगे :-)
Tuesday 11 April 2017
शायरी 19
शायरी
गुज़र गया है दिन, गुज़र जाएंगी रातें भी।
भूल गया हूँ बातें, भुला दूँगा यादें भी।
क्या हाल हो गया है मेरा, तेरी दीवानगी मैं।
ए मेरी महोब्बत ,
मर गया हूँ मैं ,बस चल रही है सांसें ही।
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