कुछ लिखा है पढना चाहोगे :-)
Monday 11 September 2017
शायरी 35
शायरी
तुम चुप हो,
चुप रहना हम भी सीख़ लेंगे।
नज़रें तुम्हारी झुकी हो,
तो उठा हम कैसे लेंगे।
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