Friday 24 November 2017

शायरी 36

शायरी 

मैं फ़ूल पर रखी ओस की बून्द भी चुन लेता हूँ। 
तुम निगाहों से कह देती हो ,
मैं निग़ाहों से सुन लेता हूँ। 

Monday 11 September 2017

शायरी 35

शायरी 

तुम चुप हो,
चुप रहना हम भी सीख़ लेंगे।

नज़रें तुम्हारी झुकी हो,
तो उठा हम कैसे लेंगे। 

Tuesday 22 August 2017

शायरी 34

शायरी 

दर किनार कर दिया है तुम्हे ख़्वाबों से मैंने ,
बस यही सोचकर
की तुम भी तो मुझे याद नहीं करती। 

Sunday 20 August 2017

शायरी 33

शायरी 

जिसे लिख न पाया वो शायरी हो तुम,
जिसे पढ़ना हे चाहा वो ग़ज़ल हो तुम,
सोचता हुँ,
की फ़ीर एक ख़त लिखुं तुम्हारे नाम,
पर अब कहाँ ख़बर की क़िस शहर हो तुम। 

Tuesday 13 June 2017

शायरी 32

शायरी 

शाम सी ढलती रही। 
दिए सी जलती रही। 

सांसें तो थम थी गयी। 
ज़िन्दगी थी बढ़ती रही। 

शायरी 31

शायरी 

रास्ते अंधेरों से  घिरने लगे। 
हम मुसाफ़िरों से डरने लगे। 

हम तन्हाइयों में मरने लगे। 
वो ख़ुद से प्यार करने लगे। 

Thursday 1 June 2017

शायरी 30

शायरी 

 अजी बेवफ़ा होते है वो लोग 
जो छोड़ कर चले जाते है। 

हम तो आशिक़ है। 
हर अदा पर सौ बार मर जाते है। 

Wednesday 10 May 2017

शायरी 29

शायरी 

हमने अपना इश्क़ दिखाया,
उसने अपनी बेवफ़ाई।
मैं लड़ गया इस दुनिया से,
वो घरवालो से ना लड़ पाई। 

Monday 24 April 2017

शायरी 28

शायरी 

सितारों को तोड़ कर ज़मीन पर ले आएंगे। 
कदमो को तुम्हारे आसमां तक ले जायेंगे। 
इश्क़ किया है,
आप से मोहतरमा।
ये छुपता नहीं,अब तो सब को बताएँगे। 

Wednesday 19 April 2017

शायरी 27

शायरी 

कभी रात भर जाग लेते हैं,
कभी दिन सो कर  गुज़र जाते है,

कुछ लोग इसे मासूमियत कहते है,
कुछ लोग इसे प्यार कह जाते हैं। 

Tuesday 18 April 2017

शायरी 26

शायरी

थक गए हम अश्क़ों को पीते-पीते,
तन्हाइयों में ज़िन्दगी जीते-जीते,
अब नहीं सह पाती शबनम की चमकह ये आँखें,
मेरे यार,
फिर भी इन्हे शबनम दिखा गए जाते-जाते। 

Monday 17 April 2017

शायरी 25

शायरी 
भरी-भरी आँखों से भी मुस्कुरा लेते हैं हम।
जाम छलकते नहीं छलका लेते हैं हम।
मोहोब्बत की है तो जी भी लेंगे,
कुछ तो जवाबदारियां संभाल लेते है हम। 

Saturday 15 April 2017

शायरी 24

शायरी

तुम से जुदा होकर,
बस इतना फ़र्क पड़ा है हमारी ज़िन्दगी में, 
पहले हम दुनिया को मुस्कुराने का मशवरा देते थे। 
अब दुनिया हमे देती है। 

Friday 14 April 2017

शायरी 23

शायरी 

लिख देता हूँ चंद अल्फ़ाज़ तुम्हे याद करके। 
पता नहीं क्यों 
लोग उन्हें शायरी कह देते है। 

शायरी 22

शायरी
 रातें गुज़र गयी, तुम्हारे इंतज़ार में। 
साँसें ही रुक गयी, तुम्हारी याद में। 
शम्मा बुझाने गए थे हम,इन लम्हों के बाद में। 
ख़ुद ही जल गए हम,इन परवानों के साथ में। 

Thursday 13 April 2017

शायरी 21

शायरी 
उनकी नशीली आँखों से हमने उर्दू सिख ली। 
वो मुस्कुरा भर क्या दिए ,
हमने शायरी ही लिख दी। 

शायरी 20

शायरी 
कभी क़रीब से तो गुज़रो मेरे,
ताकी 
मैं अपने प्यार का चेहरा निहार ही  लूँ। 
कभी मुस्कुरा भी दो मुझे देख़ कर 
ताकी
मैं प्यार से तुम्हें पुकार भी लूँ। 

Tuesday 11 April 2017

शायरी 19

शायरी 
गुज़र गया है दिन, गुज़र जाएंगी रातें भी। 
भूल गया हूँ  बातें, भुला दूँगा यादें भी। 
क्या हाल हो गया है मेरा, तेरी दीवानगी मैं। 
ए मेरी महोब्बत ,
मर गया हूँ मैं ,बस चल रही है सांसें ही। 

Saturday 8 April 2017

शायरी 18

शायरी 
पुरे दिन गुज़र जाते है तुम्हारी बातों में,
पुरी रातें गुज़र जाती है तुम्हारी यादों में,
खटकती है तो बस ये दुनिया,
जो नज़र आती थी तुम्हारी आखों मैं। 

Thursday 6 April 2017

शायरी 17

शायरी 
दर्द भी दिल का इन्तेहाँ लिए जा रहा है। 
जितना सह रहा हूँ में,
उतना परेशान किये जा रहा है। 
जानता हूँ,
 की गुज़र जाएगी उसके बिना ज़िन्दगी,
फ़िर भी उसका इंतज़ार किए जा रहा हूँ मैं। 

Wednesday 5 April 2017

शायरी 16

शायरी
चुप रहना मेरी आदत बन गयी है।  
तुम्हें याद करना मेरी ईबादत बन गयी है। 
नफ़रत को मुझ से दूर ही रखना मेरे यार,
क्योंकि
इस दुनिया मे मेरे लिए तो सिर्फ़ उल्फ़त ही रह गयी है। 

Tuesday 4 April 2017

शायरी 15

शायरी 
बेख़बर था दिमाग़,
क्योकि दिल ने प्यार किया था।
ज़िंदगी भर साथ निभाने का वादा भी दिल ने किया था।
दिमाग़ को तो ख़बर तब लगी मेरे यार,
जब बेवफ़ा ने दिल ही तोड़ दिया था। 

शायरी 14

शायरी 
थक गए हम तन्हाइयों से लड़ते-लड़ते, 
ग़म की शायरियाँ पढ़ते-पढ़ते,
फिर कोई मोहतरमा आएगी इश्क़ की दों बातें करने।
फिर मुस्कुरा देंगे हम उन्हें याद करते-करते। 

Thursday 30 March 2017

शायरी 13

शायरी 
फ़िर से दिल मे अरमान दौड़ गए,
शायरी लिखने के फ़रमान छोड़ गए, 
 दिल  तो टुटते टूटते ही रहेंगे,
तुम शायरी लिखते रहना,
बस इतना कह कर छोड़ गए। 

शायरी 12

शायरी 
आज तस्वीर में नहीं, तक़दीर में लाना चाहता हूँ। 
एक बार नहीं, तुम्हें हर बार पाना चाहता हूँ। 
यादों में तो तुम रोज़ ही आती हो, 
आज तुम्हे फ़रियाद बनाना चाहता हूँ। 

Wednesday 29 March 2017

शायरी 11

शायरी 
जिन्हें  सुनाने गए थे,चंद लाइनें अपने अल्फाज़ों की,
वो ख़ुद ही अपने दर्द का इस्तेहार लिए बैठे थे। 

Tuesday 28 March 2017

शायरी 10

शायरी 
तुम्हारी अदाओं से तो दुनिया ख़ौफ़ खाती है। 
बातें तो छोडो ,
सिर्फ़ आँखे ही  क़त्ल कर जाती है। 

Monday 27 March 2017

शायरी 9

शायरी 
दगा करना इश्क़ का दस्तुर नहीं ,
प्यार मे की गयी ग़लती कोई क़सूर नहीं ,
प्यार ज़रा संभल कर करना मेरे यार ,
क्योकि  बिन प्यार के शायर भी मशहुर नहीं 

Sunday 26 March 2017

शायरी 8

शायरी 
कैसे बयां करूँ में अपने प्यार को,
दो शब्दों में,
दोस्तों,
क्योंकि तब ना मेरा प्यार झूठा था। 
और अब,ना उसकी यादें। 

Saturday 25 March 2017

शायरी 7

शायरी 
किरदार मोहब्बत का ना पूछ, 
ए आशिक़ 
प्यार बोहत बड़ा भी होता है।  
और गहरा भी। 

शायरी 6

शायरी 
बहुत ही ख़राब था वो मंज़र ,
अब और क्या कहें। 
आसमाँ भी रोया था,जब उस के आसूं बहे। 

शायरी 5

 शायरी 
दर्द तो बहुत है दिल मैं ,
अब तुमसे क्या छुपाना। 
लेकिन 
उस दर्द के साथ जी रहा हूँ। 
किसी को ना बताना। 

Friday 24 March 2017

शायरी 4

शायरी
क्या ख़ूब कहा है,आज शायर ने 
की 
तुम्हे ख़्वाबों मैं नहीं हकीक़त मैं पाना चाहता हूँ ,
तुम्हे बस याद नहीं फ़रियाद बनाना चाहता हूँ ,
एक बार कोशिश तो करो मुझे समझनें की 
मैं तुम्हे एक बार फिर अपने प्यार का एहसास करना चाहता हूँ।

शायरी 3

शायरी 
उसका नाम तू मुझ से ना पूछ,
ए मेरे दोस्त 
कहीं उसने सुन लिया तो फिर ख़फा हो जाएगी ।

Tuesday 21 March 2017

शायरी 2

शायरी 
सब जान कर भी अंजान बनते जा रहे हो। 
मेरे बारे में जान कर भी ,
पहचान पूछते जा रहे हो। 

शायरी 1

शायरी 
बस इतनी सी बात पर बेरंग रह गयी होली,
की रंग तुमसे खफा था। 
और तुम हमसे ।