Thursday 30 March 2017

शायरी 12

शायरी 
आज तस्वीर में नहीं, तक़दीर में लाना चाहता हूँ। 
एक बार नहीं, तुम्हें हर बार पाना चाहता हूँ। 
यादों में तो तुम रोज़ ही आती हो, 
आज तुम्हे फ़रियाद बनाना चाहता हूँ। 

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