कुछ लिखा है पढना चाहोगे :-)
Thursday 26 July 2018
शायरी 40
शायरी
आज कल किताबों से हुँ,इतना करीब रिश्तों में।
की चंद लम्हों की नींद लेता हूँ, वो भी किश्तों में।
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)