कुछ लिखा है पढना चाहोगे :-)
Thursday 13 April 2017
शायरी 20
शायरी
कभी क़रीब से तो गुज़रो मेरे,
ताकी
मैं अपने प्यार का चेहरा निहार ही लूँ।
कभी मुस्कुरा भी दो मुझे देख़ कर
ताकी
मैं प्यार से तुम्हें पुकार भी लूँ।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment