Thursday 13 April 2017

शायरी 20

शायरी 
कभी क़रीब से तो गुज़रो मेरे,
ताकी 
मैं अपने प्यार का चेहरा निहार ही  लूँ। 
कभी मुस्कुरा भी दो मुझे देख़ कर 
ताकी
मैं प्यार से तुम्हें पुकार भी लूँ। 

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