कुछ लिखा है पढना चाहोगे :-)
Saturday, 15 April 2017
शायरी 24
शायरी
तुम से जुदा होकर,
बस इतना फ़र्क पड़ा है हमारी ज़िन्दगी में,
पहले हम दुनिया को मुस्कुराने का मशवरा देते थे।
अब दुनिया हमे देती है।
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