कुछ लिखा है पढना चाहोगे :-)
Friday, 14 April 2017
शायरी 23
शायरी
लिख देता हूँ चंद अल्फ़ाज़ तुम्हे याद करके।
पता नहीं क्यों
लोग उन्हें शायरी कह देते है।
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