कुछ लिखा है पढना चाहोगे :-)
Thursday 6 April 2017
शायरी 17
शायरी
दर्द भी दिल का इन्तेहाँ लिए जा रहा है।
जितना सह रहा हूँ में,
उतना परेशान किये जा रहा है।
जानता हूँ,
की गुज़र जाएगी उसके बिना ज़िन्दगी,
फ़िर भी उसका इंतज़ार किए जा रहा हूँ मैं।
2 comments:
Dpk
7 April 2017 at 11:38
Kafi gahri hai ye sayari
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divesh
7 April 2017 at 13:05
Thanks deepak....:)
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Kafi gahri hai ye sayari
ReplyDeleteThanks deepak....:)
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