Saturday, 8 April 2017

शायरी 18

शायरी 
पुरे दिन गुज़र जाते है तुम्हारी बातों में,
पुरी रातें गुज़र जाती है तुम्हारी यादों में,
खटकती है तो बस ये दुनिया,
जो नज़र आती थी तुम्हारी आखों मैं। 

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