कुछ लिखा है पढना चाहोगे :-)
Wednesday, 29 March 2017
शायरी 11
शायरी
जिन्हें सुनाने गए थे,चंद लाइनें अपने अल्फाज़ों की,
वो ख़ुद ही अपने दर्द का इस्तेहार लिए बैठे थे।
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