Friday, 24 March 2017

शायरी 4

शायरी
क्या ख़ूब कहा है,आज शायर ने 
की 
तुम्हे ख़्वाबों मैं नहीं हकीक़त मैं पाना चाहता हूँ ,
तुम्हे बस याद नहीं फ़रियाद बनाना चाहता हूँ ,
एक बार कोशिश तो करो मुझे समझनें की 
मैं तुम्हे एक बार फिर अपने प्यार का एहसास करना चाहता हूँ।

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