कुछ लिखा है पढना चाहोगे :-)
Friday, 24 March 2017
शायरी 4
शायरी
क्या ख़ूब कहा है,आज शायर ने
की
तुम्हे ख़्वाबों मैं नहीं हकीक़त मैं पाना चाहता हूँ ,
तुम्हे बस याद नहीं फ़रियाद बनाना चाहता हूँ ,
एक बार कोशिश तो करो मुझे समझनें की
मैं तुम्हे एक बार फिर अपने प्यार का एहसास करना चाहता हूँ।
1 comment:
Shubhranshu
26 March 2017 at 04:06
Kya baat hai, ek number
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Kya baat hai, ek number
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