कुछ लिखा है पढना चाहोगे :-)
Tuesday, 21 March 2017
शायरी 2
शायरी
सब जान कर भी अंजान बनते जा रहे हो।
मेरे बारे में जान कर भी ,
पहचान पूछते जा रहे हो।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment